रंगोली का महत्त्व क्या है और भारतीय त्योहारों पर यह क्यों बनाई जाती है ? हमारे इस ब्लॉग में जानें कि समय के साथ रंगोली की बढ़ती लोकप्रियता का कारण क्या है।
रंगोली का महत्व इसके पीछे छिपा सकारात्मक भाव, हर्षपूर्ण उत्साह और उत्सव की प्रतिष्ठा का परिचायक है। दिन-ब-दिन इसकी लोकप्रियता पूरे विश्व में बढ़ती जा रही है।
यह मात्रा त्योहारों तक सीमित नहीं है अपितु विभिन्न समारोह में इसे बनाया जाता है। इस ब्लॉग में हमने विस्तार से बताया है कि रंगोली का क्या महत्व है। इसलिए अंत तक हमारे साथ बनें रहे।
रंगोली का क्या महत्व है – विस्तार से जानें
हमनें इस ब्लॉग में रंगोली के महत्व को केंद्रित किया है। विस्तार से जानिए कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में रंगोली बनाना क्यों आवश्यक माना जाता है –
रंगोली का ऐतिहासिक महत्त्व
रंगोली का इतिहास इतना पुराना है कि पुराणों में भी उल्लेख मिलता है। भारतीय ग्रंथ ‘चित्र लक्षण’ में वर्णित कथा में एक राजा के पुरोहित का बेटा मर जाने पर ब्रह्मा जी ने राजा से कहा कि वह उसका रेखाचित्र ज़मीन पर बना दे ताकि उसे पुनः जीवित किया जा सके।
राजा ने ज़मीन पर कुछ रेखाएँ खींच दी, जिनके माध्यम से ब्रह्मा जी ने उस लड़के को जीवित कर दिया। ऐसा माना जाता हैं कि यहीं से अल्पना या रंगोली की शुरुआत हुई।
रंगोली का पारम्परिक महत्त्व
रंगोली भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में सबसे प्राचीन लोक चित्रकला है। इस चित्रकला के तीन प्रमुख रूप मिलते हैं- भूमि रेखांकन, भित्ति चित्र और कागज़ तथा वस्त्रों पर चित्रांकन।
इसमें सबसे अधिक लोकप्रिय भूमि रेखांकन हैं, जिन्हें अल्पना या रंगोली के रूप में जाना जाता है।
रंगोली का सांस्कृतिक महत्त्व
हर जगह रंगोली की शैली में विविधता होती है लेकिन इसमें निहित भावना व संस्कृति समान है। इसकी यही विशेषता विभिन्न आयामों को दर्शाती है।
इसे प्रारंभिक समय में त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव एवं विवाह जैसे शुभअवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता था। अपितु दिन-ब-दिन रंगोली की लोकप्रियता बढ़ने से रूचि और रचनात्मक कार्यों में इसका उपयोग होने लगा है। इनका प्रयोजन सजावट और सुमंगल है।
हमें पूरा विश्वास है कि हमारे इस ब्लॉग से आपको पता चल गया होगा कि रंगोली का महत्त्व क्या है । यदि इस विषय से सम्बंधित आपका कोई भी प्रश्न है तो नीचे टिप्पणी अनुभाग में ज़रूर पूछें। हम ज़रूर उत्तर देंगे।
मेरा नाम प्रज्ञा पदमेश है। मैं इस प्यार से बने मंच – कारीगरी की संस्थापिका हूँ। अपने अनुभव को आप सभी के साथ साझा करना चाहती हूँ ताकि आप भी मेरी तरह कला के क्षेत्र में निपुण हो जाएं।