मैं एक लेखिका हूँ। मैंने लेखन के क्षेत्र में विभिन्न रचनायें की हैं, जो ऑनलाइन अलग-अलग प्लेटफॉर्मस पर प्रकाशित हुई हैं। यह ब्लॉग मेरे लिखे कोट्स का छोटा संकलन है।
इस ब्लॉग में मैंने माँ के लिए स्टेटस में क्या कोट्स लिखें से सम्बंधित रचनायें की हैं। आशा करती हूँ आपको पसंद आएंगे।
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माँ के लिए स्टेटस में क्या कोट्स लिखें, जो पढ़ते ही माँ के मन को भा जायें
जब माँ के लिए स्टेटस में क्या कोट्स लिखें का विचार आता है तो अनूठे शब्दों में भावनायें पिरोना ही सही लगता है। मैंने भी कुछ आइए ही मोतियों को चुनकर अपने इस लेख में संजोया है। यदि आप भी जानना चाहतें हैं कि माँ के लिए स्टेटस में क्या कोट्स लिखें तो आपको ये ब्लॉग ज़रूर पढ़ना चाहिए।
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माँ के लिए स्टेटस में प्यार भरे कोट्स कैसे लिखें ?
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चाहतों से रौशन होती हैं मन्नतें, चेहरे में कभी मां के देखी हैं सिलवटें। |
शाम दरखतों से ओझिल ज़रा हुई, मां ने आंचल से फैलाया उजाला। |
मां के प्यार से मुकम्मल है शोहरतें, उनकी बराबरी कर तौहीन ना करो। |
चरागों ने रौशनी यूं तामील की, मेरी मां ने मेरी बलाएं अपने नाम की। |
हुई ख़ता कि वास्ता न रखा, दुआओं में हर दफा बस मां ही मां कहा। |
ना वस्ल के ताबीज़ से पाकीज़ मुसलसल, पैग़ाम मेरी मां का कम से कम मुझे ला दो। |
तोहमत से ज़माने के बचाती रही है मां, पोशाक में उसके जख्मों के छेद है। |
नाचीज़ को न रोको घर जाने से, मां इंतजार में चौखट है बैठी होगी। |
हैं बोझ सौहदों का मेरे कंधों पर, वरना मैं भी दिखाता तुम्हें अपनी मां की सादगी। |
शोहरतों के दामन सिए जानिब, बस मां के प्यार में ताउम्र जिए जानिब। |
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माँ के सम्मान में कोट्स
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चमक उठी मेरी मां के स्वरूप से, सुबह की लाली का आज अंदाज़ अलग है। |
हर एक ज़र्रे को अरमां बनाऊंगा, हर ख़ुशी को तेरे कदमों में बिछाऊंगा। |
ना पूछ मुझसे अहल-ए-वफ़ा के कौल, हर वास्ता वजूद का मां से हुआ तामील। |
पोशाक पर आईने की रौनक मचल गई, मेरी मां को देखकर जगमगाता है हर दफ़ा। |
सौ फ़र्ज़ मेरे कांधे से लिपटे हुए, मां के दर्द की कीमत ना अता हो सकी। |
न हो सका वो मेरा कोई मलाल भी, मेरे हर निशां में सिर्फ मां ही मां रहा। |
चाहें ज़माने की हो सौ बंदिशें, हर एक तोड़ दूंगा मेरी मां के वास्ते। |
मां के गुरूर से बंध गया समां, वरना अब तलक सुबह अधूरी थी। |
बिछ जाऊंगा क़दमों में हर एक हर्फ के, मेरी मां की परछाइयों से खेलना नहीं तुम। |
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माँ से माफ़ी मांगने के लिए स्टेटस में क्या कोट्स लिखें ?
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कुछ खताएं मुझ से हो गई हैं मां, माफ कर दो मुझको अनजान समझकर। |
गलतियां मेरी सभी माफ़ करना मां, मिल जाएं कभी राह में जो मेरे निशा। |
होशियारी दरख्तों की सीखी ही नहीं, माफी में मां ने मुझको सदा साया ही दिया। |
मांग लूंगा सर झुका के सौ दफा माफी, मां ग़र मिले मुझे वापसी में। |
जा चुकी है छोड़कर मुझको जहान में, तंहा रहूंगा मैं अब अपनी मां की याद में। |
माफी ना मिल सकी बस ये गुमां रहा, हर दिन पिघलकर माँ रोशनी पर गई। |
पाकीज़गी का नाम दूजा मां है रखा, किसने माफियों को लाया है जहां में। |
मां की माफी मिलते नहीं जल्दी, मैं हर गुनाह ये सोचकर छुपाता ही रहा। |
माँ रूठ जाएगी मेरा असल देखकर, डर है अपनी मां का साया न खो दूँ। |
मां से माफ़ी मांगना आसान कहां है, हिम्मत के ताबीज़ लगते हैं दरमियां। |
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माँ की चिंता में कोट्स
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मां की चिंता में बच्चों की सलामती, होती है जज़्बात के रंगों में ढली। |
दुनिया के दौड़े तो मैं जीत जाऊंगा, चिंता मेरी मां की से ना जीत पाऊंगा। |
चिंता में अपनी मां का ना दिल दुखा देना, भोलेपन की उनको ना कभी सज़ा देना। |
मां की चिंता में बाज़ार के खिलौने, कीमत नहीं रखते बच्चों के शौक में। |
मां की चिंता जायज़ है दोस्तों, अगर वो ना होती तो शराफत भी ना होती। |
मां की चिंता कभी खत्म नहीं होती, बच्चों की उम्र के साथ बढ़ती ही रहती। |
चिंता में मां ने अपनी ताउम्र काटती, अब वो कहते हैं मां किसी काम की नहीं। |
मां की चिंता को न ग़लत मानिए, दुआओं का इक रूप यह मां का जानिए। |
चिंता में मां बूढ़ी हो चली, बच्चों से न सम्भली उसकी जिम्मेदारियां। |
नसीबों से बनते हैं मां की चिंता का हिस्सा, हर एक शख़्स का किस्सा नहीं है यह। |
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माँ के आशीर्वाद के लिए कोट्स
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खिली है फिज़ाओं में अहले-शबाबे-ख़्वाब, लगता है मेरी मां ने दुआएं मांगी है। |
चारों तरफ से महफिल रुखसत जरा हुई, झुक गया वो आसमां मेरी मां के सजदे में। |
बाज़ार में हर समय बिकते नहीं है वो, इसलिए मां खुद ही बच्चों के तोहफे बनाती है। |
मां के आशीर्वाद में सिमटी है रौनकें, जिसे मिली वह जीता है राजाओं की तरह। |
एहसान के किस्से सौ दफा सुने, हर दफा को माना मां का आशीर्वाद। |
ना कोई रहेगा मेरा उस पार गगन में, तब आशीष मेरी मां का बहुत काम आएगा। |
आशीष के फ़रिश्ते मिलते नहीं हैं यूं, मां ही है जिससे वह मुल्तवी हुए। |
आशीर्वाद से सजी चौखट आंगन में सजे हरियाली, मां के होने से होती है जीवन में खुशहाली। |
मां के आशीर्वाद में तरक्की का रास्ता, गुज़रता हूं जब भी मुमकिन है लगता। |
आशीषों से सजे आंगना बाजे स्नेह के साज़, मां की ममता बरसे सब पर खुश हो हर परिवार। |
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माँ से दूरी के लिए स्टेटस में कैसे कोट्स लिखें ?
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दर्द-ओ-ग़म के निशां दामन से हैं सिए, जब से मेरी मां से दूरी मेरी बड़ी। |
मां से दूरी का वास्ता पहचानता है मुझको, हुकुम के बाद भी रास्ता पहचानता है मुझको। |
दुनिया की भीड़ में अकेला ही हूं खड़ा, मां ने मुझे जब से निकाला है घर से। |
लेती थी बलाएं हर रोज़ जागकर, वो रात मां से दूर होके लौटी ही नहीं। |
मां से दूर होना आसान तो नहीं, बेटियों के नसीबो में यह मुश्किल काम आया। |
दूरी से कभी दोस्त तुम भूलना नहीं, मां तो मां है पास हो या नहीं। |
दूरी सिमट ही जाएगी चंद मापों में, मां से फिर मिलूंगा बरसों के बाद मैं। |
वो दूर हैं तो क्या हुआ ऐसा भी ग़लत है, दुआएं उनकी रोज़ आती हैं मुझ तलक़। |
मां दूर से आवाज़ पहचान जाती है, बच्चों के बोले बिन सब जाती है। |
मां दूर से है ताकती हर रोज़ जाते मुझको, जब तलक न लौटूं उसे फिक्र रहती है। |
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माँ की याद में स्टेटस में क्या कोट्स लिखें ?
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अरसा हुआ पहरों को टूट ना सका, मां याद मुझे रोज़ तुम आती रहीं। |
रूठता नहीं हूं अपनी मां से कभी, जानता हूं फिर मुझे और भी याद आएगी। |
यादों के झरोखे में झांका हूं जब भी मैं, मां ही मां हर वक्त बस याद आई है। |
मां याद सबसे गहरी है जीवन में गुनी, एक-एक धागे से बुनकर हूं मैं बना। |
जाना नहीं है दूर मुझे मां की याद से, ताउम्र उसको मैं अपना सा जीयूंगा। |
फासलों से कब दूरियां बढ़ी हैं, मेरी मां की याद मुझमें सदा मुझसी रही है। |
मैं याद बहुत आएगी विदाई के बाद, बेटी ने ताउम्र यूं ही तन्हां गुज़ार दी। |
यादों के झरोखों में सिमटी रहींं खुशियां, बस मां की तन्हाईयां झलकती रहीं। |
यादों के साए में शामिल वो ख़ास है, मां मेरी जहान में रौशनी लाई हैं। |
मां की याद मुझ तक से लौट आएगी, वापसी का मुझसे वादा है कर गई। |
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माँ जैसा कोई नहीं कोट्स
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लगती है सबसे सुंदर सारी दुनिया में, हर रूप में सबसे है प्यारी मेरी मां। |
करते हैं ज़िम्मेदारी की बातें बड़ी-बड़ी, कोई नहीं है मां सा जो बिन कहे सुने। |
कहने को शब्दों के जाल कम बुने, मां जान गई खुद से परेशान सा हूं मैं। |
शाखों पर दर्द के सिमटी है यूं ख़ुशी, कांधे को उसके कभी आज़ाद तो कर दो। |
मां जैसा कौन है इस जहान में, सीने से लगा औलाद ताउम्र पाल दे। |
एहसान कभी यूं तो चुका ना पाओगे, नज़र झुका के रखना कम से कम मां के सामने। |
तोहफे में जहान की खुशियां वार दी, मां की दरियादिली की तुलना नहीं है कोई। |
जन्मों के ख़्वाब से पनपा वो परिंदा, मां कहते हैं जिसे बहुत ख़ास नाम है। |
तर्कों बंदिशों में बांधों ना यू उसे, मां के ख़्याल सबसे नायाब होते हैं। |
पेशानगी में मेरे लिखा है उसका नाम, मां जैसी पाक़ मुझको किस्मत अता हुई। |
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माँ की सुंदरता के लिए स्टेटस में क्या कोट्स लिखें ?
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देखना जो तुम कभी तारों की चकाचौंध, मां के रूआब से फीकी ही लगेगी। |
मीठा है अश्क आंख का औलाद के लिए, मां चख के देखो और भी हसीन हो गई। |
परछाइयां है मुमकिन हर एक शाख की, इसलिए मेरी मां ने साया मुझे दिया। |
सर्द ठंडी रात में देखी है चांदनी, ठहरी है मेरी मां की हर एक नज़र में। |
मालिक़ का राब्ता मुझसे ना हो सका, कदमों में मां के मेरी हैं जन्नतें सजी। |
साहिल दौड़ती है कश्ती-ए-ज़िंदगानी, अठखेलियों से मां की सम्भली है कशमकश। |
कौंधा है आसमां बदली के आगोश में, मेरे मां को देखकर जल गया वो भी। |
सुबह के रौशनी फैली है शाख पर, मेरी मां के कुमकुम की चमक से लगे फीकी। |
हर एक ख़्याल में मासूम है दिखती, मां हर रूप में मूरत है शोख़ सी। |
सूरत जो बिन सोचे गाड़ते हो दलीलें, सीरत पे किसी मां की कभी शक नहीं करना। |
उम्मीद करती हूँ आपको कोट्स पसंद आये होंगे। कमेंट सेक्शन में मुझे ज़रूर बताएं कौन कोट ने आपको अपनी माँ से जोड़ा। मुझे पूरा यकीन है कि अब आप जान गए होंगें कि माँ के लिए स्टेटस में क्या कोट्स लिखें।
मेरा नाम प्रज्ञा पदमेश है। मैं इस प्यार से बने मंच – कारीगरी की संस्थापिका हूँ। अपने अनुभव को आप सभी के साथ साझा करना चाहती हूँ ताकि आप भी मेरी तरह कला के क्षेत्र में निपुण हो जाएं।