क्या आपने भी मंडल के बारे में सुना है? कभी आपके मन में ये प्रश्न आया है कि मंडला आर्ट क्या है? यदि हाँ, तो इस कला के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक ज़रूर पढ़ें।
हालाँकि बहुत से लोग आजकल मंडला आर्ट सीख रहे हैं लेकिन ये कला नई नहीं है। ये कला बहुत ही पुरानी है और सदियों से लोग मंडला बनाते आये हैं।
मैं आज आपके साथ मंडला से जुड़ी जानकारी साझा करुँगी। इसके साथ – साथ मैं ब्लॉग के अंत में आपके साथ मंडल से जुड़े बहुत से मज़ेदार तथ्य भी साझा करने वाली हूँ।
मंडला आर्ट क्या है?
यदि आप कला में रुचि रखते हैं तो आपने निश्चित रूप में मंडला आर्ट के बारे में सुना होगा। मंडला, कला के सबसे प्राचीन रूपों में से एक है। पिछले कुछ समय से बहुत सारे लोग इस कला में रुचि ले रहे हैं।
इससे पहले कि मैं मंडला आर्ट क्या है, इस विवरण में जाऊं। नीचे इस अद्भुत कला का संक्षेप विवरण दे रही हूँ –
मंडला आर्ट की उत्पत्ति
हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म |
मंडला आर्ट की आयु
लगभग 2500 वर्ष पुराना |
मंडला बनाने के लिए प्रयुक्त सामग्री
रेत, रंग, फूल और प्राकृतिक चीजें आदि |
मंडला आर्ट बनाने के लाभ
शांति की अनुभूति मोटर कौशल में सुधार फोकस बढ़ाता है |
मंडला आर्ट कौन बना सकता है ?
सभी आयु और कौशल के लोग मंडला बना सकते हैं |
मंडला आर्ट का अर्थ
मंडला शब्द संस्कृत से लिया गया है और इसका अर्थ है “चक्र” और यह एक डिज़ाइन या पैटर्न है। मंडला कला का एक गहन इतिहास रहा है। यह अपने गहरे आध्यात्मिक अर्थ और पूर्णता का प्रतिनिधित्व करने के लिए पहचाना जाता है।
कई लोगों और संस्कृतियों का मानना है कि मंडलों का गहरा आंतरिक अर्थ है। बौद्धों, तिब्बतियों और हिंदुओं ने सदियों से मंडलों की मनोरम सुंदरता में अर्थ और शांति को पाया है।
मंडल का डिज़ाइन एक तरह से ब्रह्माण्ड को दर्शाता है और ब्रह्माण्ड में मौजूद संतुलन को चिन्हित करता है। जिस तरह ब्रह्माण्ड अपने में सभी वस्तुओं को समा लेता है, उसी तरह मंडल में चिन्हित सभी आकर उसके केंद्र में समा जाते हैं।
इस तरह मंडला हमारे आंतरिक दुनिया और बाहरी वास्तविकता के बीच संबंध का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मंडला आर्ट क्या है – इसकी विशिष्ट पहचान और आकार
मंडला आर्ट कला का एक रूप है, जहां रचनाकार आमतौर पर एक गोलाकार रूप में जटिल डिज़ाइन तैयार करता है। इस डिज़ाइन में आमतौर पर कई परतें होती हैं और इसे रंगों से रंगा जाता है।
वर्षों से, मंडला आर्ट आकार और प्रकृति के संदर्भ में विकसित हुए है। इसके फलस्वरूप आप आजकल विभिन्न प्रकार के मंडल देख सकते हैं। इसके बावजूद सभी मंडलों में कुछ ऐसी समानतायें होती हैं जिससे देखकर आप कह सकते हैं कि वह एक मंडला आर्ट है।
मंडला आर्ट की पहचान
मंडल आर्ट बनाते समय बारीक पैटर्न को समरूपता में बनाया जाता है। मंडलों में आम तौर पर एक केंद्र बिंदु होता है – जिसमें से प्रतीकों, आकृतियों और रूपों की एक सारणी निकलती है। यही एक मंडल की सबसे बड़ी पहचान है।
एक मंडला को आम तौर पर उसके समरूपी पैटर्न और सिमिट्री से पहचाना जा सकता है। मंडला आर्ट में सबसे महत्वपूर्ण है कि हर पैटर्न अंत में एक विशाल चक्र या किसी दूसरे आकार का हिस्सा बनता है।
मंडला आर्ट का आकार
हम अक्सर मंडला शब्द को गोलाकार डिज़ाइन के साथ जोड़ते हैं। जिसमें केंद्र से निकलने वाले रंग, आकार और पैटर्न विकीर्ण होते हैं लेकिन हर मंडल गोलाकार हो ज़रूरी नहीं है।
मंडलों का आकार रचनाकार पर निर्भर करता है। विभिन्न लोग विभिन्न प्रकार के मंडल बना सकते हैं। हालाँकि, मंडल ज़्यादातर गोलाकर बनाये जाते है लेकिन इन्हें वर्गाकार या त्रिकोणाकार भी बनाया जा सकता है। ।
मंडल सटीक, सावधानीपूर्वक मापे गए, ज्यामितीय और पूरी तरह से सममित हो सकते हैं या इसके विपरीत मुक्त, बह, कार्बनिक और विषम हो सकते हैं।
मंडला आर्ट कौन बना सकता है ?
प्राचीन समय में, प्रशिक्षित भिक्षुओं द्वारा धार्मिक उद्देश्यों के लिए मंडल बनाए जाते थे लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, बहुत से लोगों को इस कला के रूप में दिलचस्पी आ गई और उन्होंने भी विभिन्न प्रकार के मंडला बनाना शुरू कर दिए। यदि आप इस कला में नये हैं तो आप इन् टिप्स की मदद ले सकते हैं मंडल कला को निखारने के लिए।
यदि आप मंडला आर्ट बनाने में रुचि रखते हैं, तो निम्न बातों को याद रखें –
कोई भी व्यक्ति मंडल कला बना सकता है। मंडलों को बनाने के लिए कोई बुनियादी प्रशिक्षण की ज़रूरत नहीं है या किसी प्रामाणिकता की आवश्यकता नहीं है। यदि आप इस कला में रूचि रखते हैं तो ज़रूर इसे बनाये।
मंडलों का निर्माण किसी भी उम्र के व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है।
ज़रूरी नहीं है कि मंडला बनाते हुए आप केवल गोलाकार बनाये। आप दूसरे आकार का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे – त्रिकोण या चौकोर।
मंडला केंद्रीय बिंदु से बाहर की ओर बनाया जाता है।
आप किसी भी रंग का उपयोग कर सकते हैं।
मंडला आर्ट बनाने में बहुत धैर्य और सटीकता की आवश्यकता होती है।
मंडला आमतौर पर सममित पैटर्न में तैयार किए जाते हैं ।
आपको मंडला बनाने के लिए बहुत सी सामग्री की ज़रूरत नहीं है। आप बस एक कागज और पेंसिल के साथ भी मंडला बनाना शुरू कर सकते हैं।
मंडला आर्ट के बारे में 17 दिलचस्प तथ्य
अब जब आप जानते हैं कि मंडला आर्ट क्या है, तो आइए आपको मंडल के बारे में कुछ रोचक तथ्यों पर चर्चा करते हैं। मैंने मंडल के बारे में कुछ रोचक तथ्य नीचे दिए हैं।
1. मंडलों को किसी भी सामग्री से बनाया जा सकता है
मंडला आर्ट की सबसे दिलचस्ब बात यह है कि इसे लगभग किसी भी तरह की सामग्री से बनाया जा सकता है।
वे कागज़ और पेंट से बनाये जा सकते हैं, रेत के साथ बनाये जा सकते हैं , फूलों और फलों या किसी भी प्राकृतिक सामग्री के साथ बनाये जा सकते हैं।
2. मंडला के कई अलग-अलग प्रकार और विविधताएं हैं
विभिन्न संस्कृतियों में विभिन्न प्रकार के मंडल पाए जाते हैं। इनका उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है, दोनों कलात्मक और आध्यात्मिक रूप से।
कुछ सबसे सामान्य प्रकार के मंडल हैं – टीचिंग मंडला, हीलिंग मंडला और सैंड मंडला।
3. बौद्ध भिक्षु अपने मंडलों को नष्ट कर देते हैं
तिब्बती बौद्ध भिक्षु रेत का उपयोग करके रंग बिरंगे रेत मंडलों का निर्माण करते हैं। ये रेत मंडला बहुत हे खूबसूरत दीखते हैं और कई बार इन्हे बनाने में कई दिन या महीने भी लग जाते हैं।
मंडला बनने के बाद, एक मंडला समारोह आयोजित किया जाता है, जहां भिक्षु प्रार्थना और ध्यान करते हैं। समारोह के पूरा होने के बाद, भिक्षु इस मंडल को नष्ट कर देते हैं। यह प्रक्रिया इस बात को प्रतिबिंबित करती है कि जीवन में “कुछ भी स्थायी नहीं है”।
4. मंडला आर्ट की निर्माण प्रक्रिया अत्यंत आवश्यक है
मंडल कला में इसे बनाने की प्रक्रिया पर बहुत ध्यान दिया जाता है। मंडला को बनाने के पीछे का मकसद है इसे बनाने की पूरी प्रक्रिया का आनंद लेना।
मंडला बनाते हुए आपका पूरा ध्यान निर्माण प्रक्रिया पर होना चाहिए न कि अंतिम परिणाम पर।
5. मंडला निर्माण मोटर कौशल मज़बूत करता है
शोध बताते हैं कि मंडला आर्ट बनाने के बहुत सारे लाभ हैं। इन् लाभों में से एक प्रमुख लाभ है इसका हमारे मोटर स्किल्स पर इसका प्रभाव।
मंडलों का निर्माण बुज़ुर्गों और बच्चों के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए क्यूंकि मंडला बनाने में एकाग्रता और स्थिर हाथों की ज़रूरत पड़ती है जिससे मोटर कौशल मज़बूत होते हैं।
6. धार्मिक मंडला बनाने के लिए प्रशिक्षण के आवश्यकता पड़ती है
प्राचीन काल में, मंडला बनाने वाले कलाकार धार्मिक हुआ करते थे। उन्हें इसे बनाने से पहले कुछ अनुष्ठानों और प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता था।
आज भी यह यह परंपरा मौजूद है, और धार्मिक मंडलों को अब विशेष आयोजनों के लिए धर्मनिष्ठ या भिक्षुओं द्वारा चित्रित किया जाता है।
7. मंडलों का उपयोग ध्यान के लिए किया जाता है
मंडलों को लंबे समय से हिंदू और बौद्ध धर्मों में ध्यान लगाने के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसका उपयोग धार्मिक उद्देश्यों के अलावा अन्य ध्यान उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। मंडल का उपयोग बहुत से लोग ध्यान के लिए करते हैं।
मंडलों के साथ ध्यान के दौरान व्यक्ति मंडला के आकार पर ध्यान केंद्रित करता है जिससे उसे शांति की अनुभूति होती है। मंडला का आकर ध्यान लगाने वाले को ब्रह्मांड से केंद्रित और जुड़ा हुआ महसूस करने में भी मदद करता है।
8. मंडला आर्ट बहुत से माध्यमों में पाया जा सकता है
मंडला कला का कोई एक निर्धारित माध्य नहीं है। ऐसे नहीं है कि इसे केवल कागज़ पर या किसी चित्रकारों की रूप में बनाया जाता है।
अगर आप ध्यान लगा कर देखेंगे तो मंडल हर जगह पाएंगे। आप उन्हें चित्र, मूर्तियां, टैटू, नक्काशी, यहां तक कि वास्तुकला में भी देख सकते हैं।
मंडला की बढ़ती लोकप्रियता के कारण बहुत से लोग इंटरनेट द्वारा इस कला की जानकारी दुनिया भर में पहुंचा रहे हैं। अगर आप भी इच्छुक हैं तो आज ही ब्लॉग शुरू कीजिए।
9. कुछ मंडल स्थायी हैं, कुछ अस्थायी
जैसे कि मैंने कहा मंडलों को कई माध्यमों पर बनाया जा सकता है। इसके कुछ प्रारूप अधिक स्थायी होते हैं, अन्य अस्थायी होते हैं।
उदहारण के लिए – बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बनाये गए रेत मंडला अस्थायी होते हैं, लेकिन चित्रकला में बनाये गए मंडला सालों साल उपयोग किये जाते हैं।
10. मंडला दुनिया भर की संस्कृतियों में देखे जा सकते हैं
हालाँकि मंडला आर्ट का जनम हिनू और बौद्ध धर्मों से जुड़ा है, लेकिन यह कला केवल इन्ही दो सांस्कृत्यों से जुडी नहीं है।
मंडला पूर्वी एशियाई संस्कृतियों में अधिक प्रमुख हो सकते हैं, लेकिन वे पूरी दुनिया में देखे जा सकते हैं। एज़्टेक और ईसाई वास्तुकला में भी मंडला कला के प्रारूप देखे जा सकते हैं।
11. मंडला रचनाकार के जीवन की कहानी या मानसिक स्थिति को चित्रित करता है
मंडला का आकार और रूप उस व्यक्ति पर निर्भर करता है जो इसे बना रहा है। कुछ लोग मंडला के माध्यम से अपने जीवन की अनोखी और सुंदर यात्रा को दर्शाते हैं।
उसी प्रकार मंडला व्यक्ति की मानसिक स्थिति को भी दर्शा सकते हैं।
12. मंडला आर्ट एक सटीक कला रूप है
मंडला कला की विशिष्ट विशेषताओं में से एक यह कितनी सटीक है। मंडला कला गणित और ज्यामिति से प्रभावित है।
मंडला के लगभग सभी डिजाइनों में एक केंद्रीय बिंदु होता है। इस बिंदु के आसपास समरूपता से बाकी सभी डिज़ाइन को बनाया जाता है।
13. कार्ल जुंग ने पश्चिमी दुनिया को मंडला आर्ट के लाभों से परिचित कराया
कार्ल जुंग नामक प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक ने आधुनिक युग में मंडला आर्ट के लाभों को दुनिया के सामने लाया। उन्होंने मंडला कला को आत्म-खोज और थेरेपी के लिए उपयोग करने के बारे में कहा।
कार्ल जंग का मानना था कि मंडलों का निर्माण “आंतरिक शान्ति और पूर्णता ” पाने में मदद करता है। ऐसा उन्होंने कहा क्यूंकि उन्होंने देखा कि मंडलों का निर्माण करते हुए उनके मरीज़ अच्छे से ध्यान केंद्रित कर पाते थे और शान्ति महसूस करते थे।
14. मंडला का सार्वभौमिक और ऐतिहासिक महत्व है
कला का रूप में मंडला लगभग 2500 वर्षों पुरानी है। मंडला आध्यात्मिक और धार्मिक उद्देश्यों के लिए सदियों से बनाये हैं। यह उन्हें सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है।
मंडलों का यह इतिहास और महत्व उन्हें अन्य कला रूपों की तुलना में विशेष बनाता है।
15. विश्व का सबसे बड़ा मंडला मणिपुर में है
मणिपुर की राजधानी इंफाल में स्थित मकलंग जियोग्लिफ या बिहू लुकोन को दुनिया का सबसे बड़ा मंडला माना जाता है। यह पूरी तरह से मिट्टी से बना है।
इसे 2013 में Google Earth का उपयोग करके खोजा गया था। यह एक चौकोर मंडल है और मणिपुर सरकार द्वारा इसे ऐतिहासिक स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
16. मंडला आर्ट प्रकृति में देखा जा सकता है
अपने सरलतम रूप में, मंडला एक डिजाइन है जिसमें एक केंद्रीय बिंदु से सममित रूप से डिज़ाइन बने होते हैं।
अगर आप ध्यान से देखेंगे, तो आपको प्रकृति में मंडला आसानी से मिल जाएंगे। फूल, पेड़ के छल्ले, सूरज, बर्फ के टुकड़े, मकड़ी के जाले,, बीज, फल, इत्यादि ये सभी प्राकृतिक मंडला हैं।
17. मंडला कला का उपयोग मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और उपचार में किया जाता है
कई वर्षों से अब मंडल कला का उपयोग कला चिकित्सा के रूप में किया जा रहा है।
अध्ययनों से पता चला है कि कला चिकित्सा में मंडलों के उपयोग से रोगियों को रचनात्मक ऊर्जा का संचार करने और खुद को तनाव मुक्त करने में मदद मिलती है।
मुझे उम्मीद है कि इस ब्लॉग को पढ़कर आप अब स्पष्ट हो गए है कि मंडला आर्ट क्या है। यदि आपके पास मंडला आर्ट से जुड़े अन्य प्रश्न हैं, तो नीचे टिप्पणी अनुभाग में आप ज़रूर पूछें।
मेरा नाम प्रज्ञा पदमेश है। मैं इस प्यार से बने मंच – कारीगरी की संस्थापिका हूँ। अपने अनुभव को आप सभी के साथ साझा करना चाहती हूँ ताकि आप भी मेरी तरह कला के क्षेत्र में निपुण हो जाएं।