यदि आप भी खोज रहे हैं कि मंडला आर्ट के क्या फायदे हैं, तो इसे जानने के लिए सभी पक्षों को विस्तार से समझना होगा।
मंडला आर्ट स्वयं में ऐतिहासिक, धार्मिक, कलात्मक एवं मनोवैज्ञानिक महत्त्व रखती है। इसका उपयोग आत्मखोज, ध्यान, चिकित्सा एवं कला के रूप में किया जाता है।
शुरूआती दौर में मंडला कला का उपयोग आत्म-अभिव्यक्ति के लिए किया गया था, जिससे व्यक्तिगत विकास और आध्यात्मिक परिवर्तन में मदद मिली।
मंडला आर्ट के क्या फायदे हैं – उत्पत्ति से वर्तमान स्थिति तक जानें
मंडला आर्ट के बहुत फायदे हैं , जिनमें से मुख्य मैंने अपने इस ब्लॉग में शामिल किये है। जिसमें मंडला की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान आवश्यकताओं तक समाहित हैं।
आइये सभी के बारे में विस्तार से जानें –
मंडला कला आत्मज्ञान का सरल मार्ग होती है
मंडला कला सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का प्रतिमिधित्व करती है। जिस प्रकार ब्रह्माण्ड स्वयं में सर्वस्व समाहित किये रहता है, उसी भांति मंडला रचनाएँ भी केंद्र में समां जाती हैं।
अतः मंडला हमारे आंतरिक दुनिया और बाहरी वास्तविकता के बीच संबंध को दर्शाती हैं।
मंडला आर्ट खुशियों का पिटारा होती है
शोध बताते हैं कि मंडला आर्ट बनाने से सचेतन और आत्मनिष्ठ भावना के मध्य सामंजस्य सही बैठता है । यह व्यक्ति के जीवन की खुशियां बढ़ाने का सरल रास्ता है। इसलिए सही अर्थों में मंडला आर्ट, खुशियों का पिटारा है।
मंडला निर्माण मोटर स्किल्स मज़बूत करता है
अध्ययनों से पता चलता है कि मंडला बनाने से व्यक्ति अपनी भावनात्मक स्थिति एवं मानसिक स्तिथि के मध्य संतुलन बनाने में सहायक है।
मनोसामाजिक विशेषताएँ जैसे अपनी भावनाओं को समझना, अस्तित्व संबंधी चिंताओं पर विचार करना और तनाव प्रबंधन में मंडला कला का सहयोग है।
मंडलों का निर्माण बुज़ुर्गों और बच्चों के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मंडला बनाने में एकाग्रता और स्थिर हाथों की ज़रूरत पड़ती है जिससे मोटर कौशल मज़बूत होते हैं।
मंडला आर्ट है ध्यान केंद्रित करने में कारगर
मंडला आर्ट का उपयोग बहुत से लोग ध्यान के लिए करते हैं। हिंदू एवं बौद्ध धर्मों में मंडला आर्ट का उपयोग ध्यान केंद्रित करने के उपकरण के रूप में किया जाता है।
मंडला बनाते समय जब व्यक्ति इसके आकार पर ध्यान केंद्रित करता है तो उसे शांति की अनुभूति होती है। मंडला का आकर ध्यान लगाने वाले को ब्रह्मांड से केंद्रित और जुड़ा हुआ महसूस करने में भी मदद करता है।
मंडला आर्ट है ऐतिहासिक महत्व वाली
बौद्ध धर्म के अनुसार मंडला चित्र अथवा चिन्ह आदर्श ब्रह्मांड को दर्शाते हैं। बौद्ध धर्म के प्रति समर्पण हेतु मंडला की शुरुआत हुई।
4th शताब्दी से प्रारम्भ हुई मंडला तिब्बत, भारत, नेपाल, चीन, जापान, भूटान एवं इंडोनेशिया में वर्तमान समय तक बनाई जा रही है। जिसे अब सम्पूर्ण विश्व ने अपना लिया है।
मंडलों का यह इतिहास और महत्व उन्हें अन्य कला रूपों की तुलना में विशेष बनाता है।
मंडलों का निर्माण आंतरिक शान्ति और पूर्णता पाने में मदद करता है
कार्ल जुंग नामक प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक, आधुनिक युग में मंडला आर्ट के लाभों को दुनियाँ के सामने लाए। उन्होंने मंडला कला को आत्मखोज और थेरेपी के लिए उपयोग करने के बारे में कहा।
कार्ल जुंग का मानना था कि मंडलों का निर्माण “आंतरिक शान्ति और पूर्णता” पाने में मदद करता है। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि मंडलों का निर्माण करते वक़्त मरीज़ बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाते थे और शान्ति महसूस करते थे।
मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और उपचार में सहायक है
अध्ययनों से पता चलता है कि चिकित्सा में मंडलों के उपयोग से रोगियों को रचनात्मक ऊर्जा का संचार करने और खुद को तनावमुक्त करने में मदद मिलती है। जिससे स्वस्थ होने के साथ-साथ उनमें नवीन विचारों का प्रवाह होता है।
मुझे उम्मीद है कि इस ब्लॉग को पढ़कर आप जान गए होंगे कि मंडला आर्ट के क्या फायदे हैं। यदि मंडला आर्ट से जुड़ा आपका कोई भी प्रश्न है तो उसे टिप्पणी अनुभाग में पूछें, मैं ज़रूर उत्तर दूंगी।
मेरा नाम प्रज्ञा पदमेश है। मैं इस प्यार से बने मंच – कारीगरी की संस्थापिका हूँ। अपने अनुभव को आप सभी के साथ साझा करना चाहती हूँ ताकि आप भी मेरी तरह कला के क्षेत्र में निपुण हो जाएं।